Ghar Mein Dhooni Karne Ke Fayde :- हिंदू धर्म के अनुसार घरों में धूनी (धूप) देने की परंपरा काफी प्राचीन है। धूप देने से मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है। साथ ही, मानसिक तनाव दूर करने में भी इससे बहुत लाभ मिलता है। घरों में धूनी देने के लिए कई तरह की चीज़ें आती है। आइए जानते है किस चीज़ की धूनी करने से क्या फायदे होते है।
अवश्य पढ़े- जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र
कर्पूर और लौंग (Karpoor and Laung Ki Dhooni)-
रोज़ाना सुबह और शाम घर में कर्पूर और लौंग जरूर जलाएं। आरती या प्रार्थना के बाद कर्पूर जलाकर उसकी आरती लेनी चाहिए। इससे घर के वास्तुदोष ख़त्म होते हैं। साथ ही पैसों की कमी नहीं होती।
गुग्गल की धूनी (Guggul Ki Dhooni)-
हफ्ते में 1 बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल की धूनी देने से गृहकलह शांत होता है। गुग्गल सुगंधित होने के साथ ही दिमाग के रोगों के लिए भी लाभदायक है।
पीली सरसों (Pili Sarson)-
पीली सरसों, गुग्गल, लोबान, गौघृत को मिलाकर सूर्यास्त के समय उपले (कंडे) जलाकर उस पर ये सारी सामग्री डाल दें। नकारात्मकता दूर हो जाएगी।
धूपबत्ती (Dhoopbatti)-
घर में पैसा नहीं टिकता हो तो रोज़ाना महाकाली के आगे एक धूपबत्ती लगाएं। हर शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें।
नीम के पत्ते (Neem Ke Patte)
घर में सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलाएं। इससे जहां एक और सभी तरह के जीवाणु नष्ट हो जाएंगे। वही वास्तुदोष भी समाप्त हो जाएगा।
षोडशांग धूप
अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागर, चंदन, इलायची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गल, ये सोलह तरह के धूप माने गए हैं। इनकी धूनी से आकस्मिक दुर्घटना नहीं होती है।
लोबान धूनी (Loban Dhoop)
लोबान को सुलगते हुए कंडे या अंगारे पर रख कर जलाया जाता है, लेकिन लोबान को जलाने के नियम होते हैं इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित होती है। इसलिए बिना विशेषज्ञ से पूछे इसे न जलाएं।
दशांग धूप (Dashang Dhoop)
चंदन, कुष्ठ, नखल, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, लघु और क्षौद्र सभी को समान मात्रा में मिलाकर जलाने से उत्तम धूप बनती है। इसे दशांग धूप कहते हैं। इससे घर में शांति रहती है।
गायत्री केसर (Gayatri Kesar)
घर पर यदि किसी ने कुछ तंत्र कर रखा है तो जावित्री, गायत्री केसर लाकर उसे कूटकर मिला लें। इसके बाद उसमें उचित मात्रा में गुग्गल मिला लें। अब इस मिश्रण की धुप रोज़ाना शाम को दें। ऐसा 21 दिन तक करें।
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shivli says
gayatri kesar nahi mil rha,to kya koi bhi kesar le sakte hai kya
Manish Kumar says
जावित्री गायत्री केसर मे गायत्री क्या होती है कैसी दिखती है
ag says
गायत्री केसर, केसर का ही एक प्रकार है। पूजा सामग्री की दुकान पर आपको यह मिल जाएगा।