Alsi Ke Fayde Or Nuksaan In Hindi |Flaxseed Benefits and Side Effects in Hindi | अलसी के फायदे और नुकसान- अलसी के बीज के फायदे और नुकसान के बारे में जाने बिना अगर आप उन्हें इस्तेमाल कर लेते हैं तो यह आपको सही लाभ से दूर रख सकता है. कोई भी चीज हो, भले ही वह सेहत के लिए कितनी ही फायदेमंद क्यों न हो जब तक उसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा वह लाभ नहीं देती. आप सोच रहे होंगे कि अलसी के बीज दिखने में इतने छोटे होते हैं तो क्या यह इतने सारे फायदे दे पाएंगे। इसलिए अगर आपने भी अलसी के बारे में सुना है और आप इसके फायदे और नुकसान (Alsi Ke Fayde Or Nuksaan In Hindi) जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अवश्य पढ़े । आइये जानते है अलसी के फायदे और नुकसान-
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अलसी के फायदे (Alsi Ke Fayde in Hindi)
अलसी के बीज डाइट में सही मात्रा में शामिल करने से आपको कई सारे फायदे मिल सकते हैं। जैसे कि अलसी का बीज कई सारे आहार भरपूर होता है जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। आप सोच रहे होंगे कि अलसी के बीज दिखने में इतने छोटे होते हैं तो क्या यह इतने सारे फायदे दे पाएंगे। इस सवाल के जवाब के लिए आज हम आप के साथ अलसी के फायदे (Alsi Ke Fayde) साझा कर रहे है। आइये जानते है अलसी के फायदे-
1. वजन कम करने में मददगार
सभी लोग वजन कम करने के लिए अलग-अलग डाइट, तरीके ढूंढते हैं। अगर आप भी वजन कम करने की डाइट में कुछ सेहतमंद शामिल करना चाहतें हैं तो अलसी के बीज (flax seeds in hindi) एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। बढ़े हुए वजन को कम करने में अलसी का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है।
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) द्वारा प्रकाशित एक शोध के मुताबिक अलसी डायट्री फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। डाइटरी फाइबर का सेवन करने से मेटाबोल्जिम बढ़ जाता है और डाइजेशन रेट कम हो जाता है जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। इसके अलावा अलसी के बीज (flaxseed in hindi) का सेवन करने से पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है जिससे भूख कम लगती है आप बार-बार खाना नहीं खाते हैं।
फाइबर की मौजूदगी के कारण यह शरीर में बढ़े हुए प्लाज्मा और कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद कर सकती है। साथ ही शरीर पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी सहायक हो सकती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि वजन घटाने के लिए अलसी से तैयार ड्रिंक या ब्रेड सहायक साबित हो सकते हैं, बशर्ते अलसी खाने के फायदे हासिल करने के लिए उसके साथ ही अन्य वसायुक्त खाद्य पदार्थों से परहेज भी किया जाए।
2. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में-
हाई या लो ब्लड प्रेशर आपको हर दूसरे इंसान में आसानी से मिल जाएगा। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ब्लड प्रेशर हाई या लो होना इतना आम क्यों गया है? क्योंकि लोगों की डाइट में ऐसे आहार बहुत कम होते हैं जो ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य बनाए रखते हैं। अगर आप कुछ ऐसा ढूंढ रहे हैं तो अलसी के बीज एक अच्छा ऑप्शन है। अलसी के बीज में लिनोलिक एसिड, लिगनेन और फाइबर पाया जाता है जो कई हद तक ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखता है। सेहतमंद डाइट, कसरत के साथ फ्लेक्स सीड का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है।
कनाडा के सेंट बोनीफेस हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है। शोध में माना गया कि अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिग्नैंस और डायट्री फाइबर संयुक्त रूप से एंटीहाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं। इसी प्रभाव के कारण अलसी का सेवन ब्लड प्रेशर की समस्या से झूझ रहे रोगी को राहत पहुंचा सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के उपचार के तौर पर अलसी के बीज के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
3. डायबिटीज में फायदे-
डायबिटीज की समस्या की बात करें, तो इस समस्या से पीड़ित रोगियों के लिए भी अलसी खाने के लाभ कारगर साबित हो सकते हैं। जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा अलसी पर किए गए एक शोध में इस बात को माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि अलसी में मौजूद फाइबर और म्यूसिलेज (गोंद जैसा लसलसा पदार्थ) की मौजूदगी के कारण यह शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित कर सकती है। इसी प्रभाव के कारण शोध में माना गया है कि अलसी में एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है।
डाइट्री फाइबर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है। फाइबर का सेवन करने के बाद इनको पचने में समय लगता है और इस समय डाइजेशन प्रोसेस धीरे हो जाता है। इस समय अग्न्याशय को इंसुलिन बनाने का समय मिल जाता है जो शुगर मोलिक्यूल को तोड़ने का काम करता है। इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ता नहीं है। फ्लेक्स सीड में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज से गुजर रहे लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन है।
वहीं, अलसी से संबंधित चूहों पर किए गए एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि अलसी में सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल डाईग्लूकोसाइड (Secoisolariciresinol Diglucoside) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। अलसी में मौजूद यह खास तत्व टाइप-1 डायबिटीज होने के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका को भी कम कर सकता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अलसी का उपयोग कर डायबिटीज का नियंत्रण करने और इससे होने वाले जोखिमों को दूर रखने में मदद मिल सकती है।
4. सर्दी-खांसी में फायदेमंद-
सर्दी-खांसी के प्राचीन घरेलू उपचार के तौर पर अलसी को एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। यह बात अलसी से संबंधित जर्नल ऑफ फार्मासूटिकल एंड साइंटिफिक इनोवेशन के एक शोध से सामने आती है। शोध में माना गया कि अलसी के बीज में एंटी- इंफ्लामेट्री और एंंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिस कारण से अलसी के फायदे (alsi ke fayde) सर्दी-खांसी के लिए बढ़ जाते हैं। अलसी सर्दी-खांसी में आराम दिलाने का काम कर सकती है।
शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि अत्यधिक खांसी या ब्रोंकाइटिस (फेफड़ों में सूजन की एक स्थिति) की समस्या में अलसी की चाय फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए अलसी के बीजों को पानी में करीब 30 मिनट तक भीगने दें। समय पूरा होने पर बीजों को अलग कर पानी को गर्म करें और उसे सिप करके पिएं। अपनी सामान्य चाय में अलसी का पाउडर मिलाकर पीने से सर्दी- खांसी में आराम मिलता है। एक कप पानी में अलसी पाउडर डालकर पानी उबालें। अब इसमें शहद और नींबू डालें। बता दें अलसी खाने के फायदे से जुड़े यह तथ्य प्राचीन समय में उपयोग किए जाने वाले घरेलू उपचार पर आधारित हैं। इसलिए यह सर्दी-खांसी में कितना प्रभावी होगा इस बारे में अभी अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
5. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में-
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को नियंत्रित करने में भी अलसी के बीज के फायदे लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। यह बात एनसीबीआई के एक शोध से प्रमाणित होती है। शोध में माना गया कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों का पतला होना) और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों में अलसी सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है। इस तरह यह हृदय से संबंधित जोखिमों को दूर रखने में भी सहायक साबित हो सकती है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि अलसी खाने के लाभ के तौर पर बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है। इसका कारण एमोगा-3 फैटी एसिड को बताया जाता है जो अलसी में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
6. हृदय के लिए फायदेमंद-
अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ ही अलसी खाने के फायदे हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक हो सकते हैं। दरअसल, अलसी में मौजूद लिगनेन कॉम्प्लेक्स (flax lignan complex) और सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल डाईग्लूकोसाइड (Secoisolariciresinol Diglucoside) इस काम में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। शोध में माना गया कि सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल डाईग्लूकोसाइड में हाइपोटेंसिव (ब्लड प्रेशर कम करने वाला) गुण मौजूद होता है। वहीं, लिगनेन कॉम्प्लेक्स और सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल डाईग्लूकोसाइड हृदय की नसों में पैदा होने वाले अवरोध (Atherosclerosis) के जोखिमों को कम कर सकते हैं। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि तीसी खाने के फायदे काफी हद तक हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक साबित हो सकते हैं।
दिल से जुड़ी बीमारियां बढ़ने का कारण डाइट का ध्यान ना रखने से होता है। सेहतमंद दिल के लिए फ्लेक्स सीड के फायदे आप आसानी से ले सकते हैं। आपको बता दें कि अलसी के बीज में ओमेगी-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है। सही मात्रा में ओमेगी-3 फैटी एसिड का सेवन करने से ईकोसोनॉइड और साइटोकिन्स का लेवल शरीर में कम रहता है। यह दो मोलिक्यूल सूजन पैदा करने वाले एजेंट हैं। ओमेगी-3 फैटी एसिड इन एजेंट को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल में सही मात्रा और तरीके से खून का बहाव करता है जिससे सेहतमंद दिल रहने में मदद मिलती है।
7. गर्भावस्था में अलसी के फायदे-
अलसी के बीज के फायदे गर्भावस्था में भी कारगर सिद्ध हो सकते हैं। दरअसल, साल 2015 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल पैथोलॉजी द्वारा अलसी के तेल पर किए शोध में इसे गर्भावस्था के लिए फायदेमंद माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि बढ़े हुए बल्ड शुगर के प्रभाव को कम कर यह बच्चे के विकास और उसके सामान्य वजन को बनाए रखने में मदद कर सकती है। कारण यह है कि अलसी के तेल में गर्भावस्था के लिए जरूरी ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं। वहीं, इसके विपरीत एनसीबीआई के एक शोध, जो कि साल 2013 में किया गया था, उसमें गर्भावस्था या गर्भावस्था के बाद के समय में अलसी का अधिक सेवन करने से स्तन कैंसर होने की आशंका जताई गई है।
साल 2015 की रिपोर्ट अलसी को गर्भावस्था के लिए लाभदायक करार देती है। इस लिहाज से हम गर्भावस्था के दौरान अलसी या अलसी के तेल के सेवन को कुछ हद तक लाभदायक कह सकते हैं। फिर भी दूसरे शोध में सामने आई स्तन कैंसर की आंशका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए, गर्भावस्था या स्तनपान के समय में अलसी का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर होगा।
8. स्ट्रेच मार्क्स के निशान कम करने में-
त्वचा पर निशान किसी भी कारण से हो सकते हैं जैसे कि गर्भवस्था के बाद, वजन कम करने के बाद, किसी तरह की बीमारी आदि। त्वचा पर खिंचाव के निशानों को हटाना आसान नहीं होता है लेकिन नामुमकिन भी नहीं होता है। खिंचाव के निशान कम करने के लिए घरेलू उपाय करने की सालह ज्यादा दी जाती है। खिंचाव के निशान पर अलसी के तेल की हल्की मालिश से निशान कम होने में मदद मिलती है। अलसी के तेल से मालिश आप रोजाना भी कर सकते हैं।
9. लिवर स्वस्थ रखने में-
अलसी का उपयोग कर नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से ग्रस्त रोगियों को भी राहत मिल सकती है। दरअसल, अलसी से संबंधित एनसीबीआई के एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है। शोध में पाया गया कि अगर खान-पान और दैनिक दिनचर्या में संतुलन के साथ अलसी का सेवन किया जाता है, तो फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को काफी हद तक राहत मिल सकती है।
वहीं, इससे संबंधित एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर अलसी लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। इस काम में अलसी में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड मुख्य भूमिका अदा कर सकते हैं। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में अलसी के बीज खाने के फायदे लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
10. कैंसर से करे बचाव-
अलसी के बीज खाने के फायदे में कैंसर के जोखिमों को कम करना भी शामिल किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अलसी में सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल (Secoisolariciresinol) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इसी खास तत्व की मौजूदगी के कारण ही अलसी एंटीकैंसर (कैंसर के प्रभाव को कम करने वाला) गुण प्रदर्शित कर सकती है। यह गुण मुख्य रूप से हार्मोन में गड़बड़ी से होने वाले कैंसर (जैसे:- स्तन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और स्पर्म ग्रंथि के कैंसर) के जोखिम को कम करने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। इतना ही नहीं, इसके साथ ही शरीर के अन्य विभिन्न भागों में होने वाले कैंसर के ट्यूमर की वृद्धि को कम करने में भी यह सहायक साबित हो सकती है।
इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि कैंसर के बढ़ते प्रभाव में अलसी के बीज के फायदे कुछ हद तक सहायक साबित हो सकते हैं। हालांकि, आपको ध्यान रखना होगा कि कैंसर एक घातक बीमारी है। इसलिए, कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टरी उपचार अतिआवश्यक है। वहीं, कैंसर के लिए अलसी के उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श भी अवश्य ले लें।
11. पेट की बीमारी से रखे दूर-
अगर आपका पेट साफ है तो आप बीमारियों से दूर रहेंगे। आपने यह सुना होगा कि हर बीमारी की शुरुआत पेट से होती है। जिन लोगों को अकसर पेट से जुड़ी परेशानी होती है उनको इस परेशानी के बारे में अच्छा से पता होगा। अगर आपको भी पेट की परेशानी जैसा कि गैस रहती है तो फ्लेक्स सीड के फायदे आपको मिल सकते हैं। डाइट में अलसी के तेल को शामिल करना एक अच्छा ऑप्शन है। इसके अलावा अलसी के बीज (flax seeds in hindi) को सलाद, स्मूदी के ऊपर डालकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार ओमेगा-3 पेट की समस्या से बचाव का काम कर सकता है और अलसी में ओमेगा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अलसी का उपयोग कुछ हद तक पेट की सूजन में मददगार हो सकता है।
12. बुखार और सामान्य सर्दी में दिलाए आराम-
जैसा कि हम आपको लेख में पहले ही बता चुके हैं कि सामान्य सर्दी-खांसी में अलसी के सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर एक अन्य शोध से इस बात की पुष्टि होती है कि अलसी से होने वाले स्वास्थ्य लाभों में सामान्य बुखार से राहत भी शामिल है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बुखार की समस्या में भी बेनिफिट्स ऑफ अलसी लाभदायक साबित हो सकते हैं।
13. गले की खराश में लाभकारी-
बेनिफिट ऑफ अलसी के बीज से संबंधित एक यूनानी शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ ही गले की खराश के लिए भी अलसी फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, गले की खराश में यह किस प्रकार लाभकारी है, इस बारे में कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
14. अस्थमा में फायदेमंद-
न्यूयॉर्क मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा श्वसन तंत्र से संबंधित विकारों पर किए गए एक शोध में अलसी को अस्थमा में फायदेमंद पाया गया है। दरअसल, शोध में जिक्र मिलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य का उपयोग अस्थमा की समस्या में लाभकारी साबित हो सकता है।
एनसीबीआई के अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि करीब 30 मिनट अलसी के बीज को पानी में भिगोकर बीजों को पानी से निकाल लें। अब उस पानी को गरम करके चाय की तरह पिएं। इससे अस्थमा में राहत मिल सकती है। इन तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अलसी के बीज अस्थमा में भी सहायक साबित हो सकते हैं।
15. सिरदर्द की समस्या में आराम-
क्या आजकल सिरदर्द की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान रहने लगे हैं? तो एक आसान घरेलू उपाय से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। सिरदर्द से आराम पाने के लिए अलसी का सही तरह से प्रयोग करने पर अलसी के लाभ पूरी तरह से मिल सकता है। इसके लिए अलसी के बीजों को ठंडे पानी में पीसकर लेप करें। इससे सूजन के कारण होने वाले सिर दर्द, या अन्य तरह के सिर दर्द, या फिर सिर के घावों में फायदा मिलता है।
16. दांत दर्द में सहायक-
दांत दर्द की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी अलसी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, इलाहाबाद डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा अलसी के तेल पर किए एक शोध में पाया गया कि इसमें दर्दनिवारक और सूजन को कम करने वाला गुण मौजूद होता है। इन्हीं दोनों गुणों की मौजूदगी के कारण अलसी का तेल मसूड़ों में सूजन और दांत में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (19)।
17. जोड़ों के दर्द में आराम-
जोड़ों के दर्द की समस्या से होने वाली परेशानी में भी अलसी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अलसी में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। इस प्रभाव का आर्थराइटिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस कारण ऐसा माना जाता है कि अलसी में एंटीआर्थराइटिक (आर्थराइटिस को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है।
इस गुण के कारण अलसी के फायदे (alsi ke fayde) जोड़ों के दर्द के लिए भी हैं। जरुरी नहीं है कि जोड़ों का दर्द सिर्फ बढ़ती उम्र में होता है, ज्यादा ताकत या फिर एक जगह लंबे समय के लिए बैठे या खड़े रहने से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है। इस समय में अलसी के बीज (alsi ke beej) के फायदे आपके बहुत काम आ सकते हैं।
अलसी के बीज (flaxseed in hindi) का सेवन सही मात्रा में करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है। इसके अलावा आप अलसी का पाउडर गुनगुने सरसों के तेल में मिलाकर हल्की मालिश कर सकते हैं।
18. कब्ज में असरदार-
जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक शोध में जिक्र मिलता है कि कब्ज की समस्या में अलसी राहत पहुंचा सकती है। शोध में माना गया कि अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। यह फाइबर मल को ढीला कर कब्ज की समस्या में आराम दिलाता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अलसी कब्ज की समस्या से राहत पाने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है।
19. पाचन में सहायक-
जैसा कि हम आपको लेख में पहले ही बता चुके हैं कि अलसी का उपयोग कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, जो पाचन से संबंधित एक विकार है। वहीं, अलसी से संबंधित एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी (gastrointestinal (GI)-motility) में भी सहायक है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मोटिलिटी वह प्रक्रिया है, जिसके तहत खाद्य पदार्थ संपूर्ण पाचन प्रक्रिया से होकर गुजरता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में भी फ्लेक्स सीड के फायदे मददगार साबित हो सकते हैं।
जिन लोगों को पेट की परेशानियां अकसर रहती हैं उन लोगों को अलसी का बीज खाने की सलाह दी जाती है। अलसी के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं जो पेट के लिए अच्छा होता है। अलसी को पचने में समय लगता है जिससे पेट डाइजेशन के दौरान ज्यादा काम करता है। ऐसी स्थिति में कैलोरी बर्न होती है और मेटाबोल्जिम भी बढ़ जाता है।
20. त्वचा का रखे स्वस्थ-
आपको बता दें कि अलसी के फायदे (Alsi Ke Fayde) सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी हैं। धूल, मिट्टी, प्रदूषण बढ़ने से त्वचा से जुड़ी दिुक्कतें भी बढ़ गई हैं। खासतौर से त्वचा पर कम से कम कैमिकल का इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। त्वचा को कैमिकल से बचाने के लिए ज्यादातर घरेलू उपाय अपनाने चाहिए। वैसे ही अलसी के बीज का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जा सकता है।
अलसी के औषधीय गुण से संबंधित एनसीबीआई के एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह त्वचा स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। शोध में माना गया है कि त्वचा को नर्म, मुलायम और चमकदार बनाए रखने के साथ ही अलसी रूखी, सूखी और बेजान त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि अलसी का उपयोग कर त्वचा की देखभाल रखने में मदद मिल सकती है।
21. मुंहासों से बचाव-
वातावरण में मौजूद गंदगी के कारण त्वचा पर मुंहासों का होना आम सा लगने लगा है। यह आपकी त्वचा पर धाग धब्बे छोड़ सकता है इसलिए समय रहते इन पर ध्यान देना जरुरी है। अलसी की मदद से आप फेस पैक बना सकते हैं। फैस पैक बनाने से जुड़ी जानकारी आप नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।
अलसी का फेस पैक बनाने के लिए आपको अक चम्मच अलसी पाउडर और पानी की जरुरत है। एक कप में एक चम्मच अलसी का पाउडर लें और इसमें तीन से चार चम्मच पानी मिला लें। इन दोनों का पेस्ट बना लें और चेहरे पर लगा लें। पेस्ट सूखने के बाद चेहरा धो लें।
22. बालों को स्वस्थ रखने में-
अलसी एक ऐसी चीज है जिससे आप सेहत, त्वचा और बालों से जुड़े फायदे ले सकते हैं। बालों के खराब होने का कारण कई सारे हो सकते हैं जैसे कि धूल-मिट्टी, प्रदूषण, कैमिकल वाले शैंपू या कंडीशनर का इस्तेमाल आदि। अगर किसी और कारण से भी आपके बाल खराब हुए हैं तो अलसी के फायदे (alsi ke fayde) आप आसानी से ले सकते हैं।
बालों से संबंधित अलसी पर किए गए एक शोध में पाया गया कि अलसी का तेल बालों को मजबूती और विकास प्रदान कर सकता है। साथ ही यह गंजापन और बाल झड़ने की समस्या की रोकथाम करने में भी सहायक हो सकता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बालों के लिए भी अलसी का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है।
अलसी में एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जिस कारण से अलसी के फायदे (alsi ke fayde) बालों के लिए बढ़ जाते हैं खासतौर पर डैंड्रफ के लिए। डैंड्रफ होने पर अलसी के तेल से बालों की हल्की मालिश करने से डैंड्रफ कम होने में मदद मिलती है।
23. पोष्टिक आहार से भरपूर-
आपको बता दें कि यह छोटे-छोटे बीज कई सारे पोष्टिक आहार से भरपूर हैं जो मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक है। फ्लेक्स सीड के फायदे इसमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और विटामिन के कारण जाने जाते हैं। अगर आपको अपनी डाइट को एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री से भरपूर रखना है तो अलसी के बीज (flax seeds in hindi) आप अपनी डाइट में शामिल जरुर करें।
इन सभी आहार के अलावा अलसी खाने के फायदे (alsi khane kee fayde) कई सारे हैं। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आपको बता दें कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली में पाया जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना का यह अच्छा और आसान आधार है।
24. एंटी एजिंग में मददगार-
इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अगर बढ़ती उम्र के आसार समय से पहले दिखने लग गए हैं तो इन पर ध्यान देना जरुरी है। एंटी- एजिंग के लक्षणों में भी अलसी के बीज आपकी मदद कर सकते हैं। अलसी के फायदे (alsi ke fayde) इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, फैटी एसिड के कारण मौजूद हैं। इन सभी गुणों के कारण अलसी के बीज एंटी एजिंग में मददगार साबित हो सकते हैं। इस दौरान आप अलसी का तेल झुर्रियों पर लगा सकते हैं। सही मात्रा, सही समय पर अलसी का तेल चेहरे पर लगाने से एंटी- एजिंग के आसार देरी से आने में मदद मिलती है।
25. वीर्य (धातु रोग) रोग में अलसी से लाभ-
कई लोगों की शिकायत होती है कि उनकी सेक्स करने की ताकत में कमी आ गई है। इसी तरह अनेक लोग वीर्य, या धातु रोग से पीड़ित रहते हैं। इन सभी परेशानियों को तीसी, या अलसी का प्रयोग ठीक कर सकता है। काली मिर्च और शहद के साथ अलसी का सेवन करें। इससे सेक्स करने की ताकत बढ़ती है, और वीर्य दोष दूर होता है।
अलसी के नुकसान (Alsi Ke Nuksaan In Hindi)
किसी भी चीज का सेवन सही मात्रा में करने से ही उसके फायदे मिलते हैं। वैसा ही अलसी के साथ भी। सही मात्रा में अलसी का सेवन करने से आपको ऊपर दिए गए फायदे मिल सकते हैं। लेकिन अलसी के बीज का सेवन सही मात्रा में या फिर अधिक मात्रा में किया गया तो अलसी के नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में अलसी का सेवन करने से नीचे दिए गए नुकसान हो सकते हैं।
- कच्ची अलसी का सेवन करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि कच्ची अलसी में जहरीले पदार्थ होते हैं।
- अलसी का सेवन करने के साथ तरल पदार्थ का भी सेवन करें जिससे पेट से जुड़ी परेशानी ना हो। अधिक मात्रा में अलसी का सेवन करने से पेट से जुड़ी परेशानी बढ़ सकती हैं जैसे कि गैस, पेट में दर्द आदि।
- अलसी के तेल का इस्तेमाल खाने के करने की सलाह नहीं दी जाती है। अलसी के तेल का इस्तेमाल पहले से बनी डिश में कर सकते हैं और फिर माइक्रोवेव में गर्म कर सकते हैं।
- अगर आप खून पतला करने वाली दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन ना करें।
- अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।
- अलसी के बीजों में एस्ट्रोजन जैसे गुण होते हैं इसलिए इससे पीरियड्स आ सकते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं को अलसी के बीज खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इन्हें खाने से पीरियड्स आ सकते हैं जो होने वाले बच्चे और मां दोनों को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हैं।
- ब्लड प्रेशर से गुजर रहे हैं उन लोगों को अलसी खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
- अलसी की तासीर गर्म होती है जिस कारण से इसका सेवन नियमित रूप से करने के लिए कहा जाता है।
- ज्यादा अलसी खाने वाले कुछ लोग एलर्जी की शिकायत कर चुके हैं। ज्यादा अलसी खाने से सांस लेने में रुकावट, लो ब्लड प्रेशर और तीव्रग्राहिता जैसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। अगर आपको किसी बीज से एलर्जी है तो हो सकता है कि आपको अलसी के बीज (flax seeds in hindi) से भी एलर्जी हो। एलर्जी होने पर आपको लाल धब्बे, खुजली हो सकती है।
- अलसी के बीज एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं और जो महिलाएं रोजाना अलसी के बीज खाती हैं उनके पीरियड साइकिल में बदलाव आ सकता है। इसके अलावा जो महिलाएं हार्मोनल दिक्कतों जैसे कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यूटरिन फायब्रॉयड्स, यूटरिन कैंसर और ओवरी कैंसर से जूझ रही हैं उन्हें अलसी को अपनी डाइट में शामिल करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। ज्यादा मात्रा में अलसी खाने से इन दिक्कतों की वजह से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
- विशेषज्ञों की मानें तो पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लिए बिना जरूरत से ज्यादा अलसी खाने से आंतों में ब्लॉकेज आ सकता है। जिन्हें पहले से ही इस तरह की शिकायत रही है उन्हें अलसी के बीज नहीं खाने चाहिए।
- खासतौर से Scleroderma के मरीजों को इन्हें नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे भयानक कब्ज हो सकता है। हालांकि अलसी के तेल का इस्तेमाल Scleroderma के इलाज के लिए किया जाता है। अगर अलसी सही मात्रा में खाई जाए तो इससे कब्ज दूर हो सकती है, लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में ले ली जाए तो यह लूज़-मोशन भी कर सकती है।
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