Kukurdev Temple (Dog Temple), Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के खपरी गांव में "कुकुरदेव" नाम का एक प्राचीन मंदिर स्तिथ है। यह मंदिर किसी देवी-देवता को नहीं बल्कि कुत्ते को समर्पित है, हालांकि साथ में शिवलिंग आदि प्रतिमाएं स्तिथ है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से कुकुर खांसी व कुत्ते के काटने का कोई भय नहीं रहता है।मंदिर का इतिहास -इस मंदिर का निर्माण फणी नागवंशी शासकों द्वारा 14वीं-15 … [Read more...]
आरंग- यहाँ कृष्ण ने ली थी राज मोरध्वज की परीक्षा, मांगा था उसके बेटे का मांस
Arang, Chhattisgarh History In Hindi : छत्तीसगढ़ की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर रायपुर-कोलकाता हाईवे पर एक कस्बा है- आरंग। कहा जाता है कि यह कभी राजा मोरध्वज की राजधानी थी और इसकी पहचान एक समृद्ध नगर के रूप में थी। मोरध्वज की कहानी पुराणों में मिलती है जिसे कृष्ण ने आदेश दिया था कि वह अपने बेटे ताम्रध्वज को आरी से चीरकर उसका मांस शेर के सामने पेश करे। आरे से चीरने की कहानी के कारण ही इस नगर का … [Read more...]
निराई माता मंदिर – साल में सिर्फ 5 घंटे के लिए खुलता है ये मंदिर, दी जाती है हजारों बकरों की बलि
Nirai Mata Temple Chhattisgarh : देवी-देवता के मंदिर भारत के कोने-कोने पर स्थित है। हर मंदिर का अपना कोई न कोई रहस्य होता है। जिसके कारण वह विश्व प्रसिद्ध होते है। कोई अपने कामों के कारण भी हो सकता है। आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारें में बता रहे है जो अपने आप में ही अनोखा है। जिसके कारण ये विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर है निरई माता मंदिर। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से 12 … [Read more...]
रामनामी समाज (Ramnami Samaj) – यहाँ पुरे शरीर पर लोग लिखवाते है राम नाम, आखिर क्यों?
Ramnami Samaj History : 100 सालों से भी ज्यादा लंबे वक्त से छत्तीसगढ़ की रामनामी समाज में एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। इस समाज के लोग पूरे शरीर पर राम नाम का टैटू बनवाते हैं, लेकिन न मंदिर जाते हैं और न ही मूर्ति पूजा करते हैं। इस तरह के टैटू को लोकल लैंग्वेज में गोदना कहा जाता है। दरअसल, इसे भगवान की भक्ति के साथ ही सामाजिक बगावत के तौर पर भी देखा जाता है। टैटू बनवाने के पीछे बगावत की … [Read more...]
मंढीप बाबा (Mandheep Baba Shivling)- इस स्वयंभू शिवलिंग दर्शन के लिए पार करनी पड़ती है एक ही नदी 16 बार, साल में एक बार होते है दर्शन
Mandheep baba Shivling story in Hindi : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में घनघोर जंगलों के बीच गुफा में एक शिवलिंग स्थापित है, जिसे लोग मंढीप बाबा के नाम से जानते हैं। निर्जन स्थान में गुफा के ढा़ई सौ मीटर अंदर उस शिवलिंग को किसने और कब स्थापित किया यह कोई नहीं जानता। कहा जाता है कि वहां बाबा स्वयं प्रकट हुए हैं। यानी शिवलिंग का निर्माण प्राकृतिक रूप से हुआ है। राजनांदगांव-कवर्धा मुख्य मार्ग … [Read more...]
बिरहोर जनजाति- ये जिस पेड़ को छू देते हैं उस पर कभी बंदर नहीं चढ़ता, रामायण काल से जुडी है कहानी
Birhor Tribe History in Hindi : मुख्यत: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में निवास करने वाली बिरहोर जनजाति विशेष जनजातियों में शामिल है। बिरहोर जनजाति के संबंध में ये मान्यता है कि ये जिस पेड़ को छू देते हैं उस पर कभी बंदर नहीं चढ़ता। एके सिन्हा ने अपनी किताब छत्तीसगढ़ की 'आदिम जनजातियां' में बिरहोर जनजाति के विषय में विस्तार से लिखा है। बिरहोर जनजाति खाने के लिए बंदर का शिकार करती है लेकिन वो ऐसा क्यों करते … [Read more...]
मां बम्लेश्वरी मंदिर (Maa Bamleshwari Temple)- ऊंचे पहाड़ पर स्थित माता के इस मंदिर से जुड़ी है एक प्रसिद्ध प्रेम कहानी
Maa Bamleshwari Temple History in Hindi : छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित है मां बम्लेश्वरी का भव्य मंदिर। छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी का इतिहास काफी पुराना है। वैसे तो साल भर यहां भक्तों का रेला लगा रहता है, लेकिन लगभग दो हजार साल पहले माधवानल और कामकंदला की प्रेम कहानी से महकने वाली इस कामाख्या नगरी में नवरात्रि के दौरान अलग … [Read more...]
छत्तीसगढ- हसदेव नदी में मिला राम नाम लिखा तैरता हुआ पत्थर
Floating stone (Ramshila) find in Hasdeo river at Chhattisgarh : छत्तीसगढ के कोरबा जिले में हसदेव नदी में रविवार की सुबह मिला तैरता हुआ एक पत्थर कौतुहल का विषय बना हुआ है। नदी में नहाने गए बच्चों को पानी में तैरता कुछ दिखा। पास जाकर छूकर देखा तो पता चला कि पत्थर है। बच्चों ने पत्थर को पानी से निकाल कर बार-बार फेंक कर देखा लेकिन पत्थर डूबा नहीं और तैरता ही रहा। पत्थर का वजन करीब 5 किलो है तथा इस … [Read more...]
गंधेश्वर शिवलिंग – खुदाई में मिला 2000 साल पुराना शिवलिंग – आती है तुलसी की सुगंध
Gandheswar Shivling, Chhattisgarh : History in Hindi - छत्तीसगढ़ के सिरपुर में खुदाई के दौरान द्वादश ज्योतिर्लिंगों वाले पौरुष पत्थर से बना शिवलिंग मिला है। पुरातात्विक विशेषज्ञों के अनुसार यह शिवलिंग दो हजार साल पुराना है और राज्य में मिला सबसे प्राचीन व विशाल शिवलिंग है। इस शिवलिंग को 'गंधेश्वर शिवलिंग' नाम दिया गया है क्योंकि इस शिवलिंग में से तुलसी के पौधे जैसी गंध आती है। यह शिवलिंग वाराणसी … [Read more...]
क्या आपने कभी खाई है ‘चापड़ा’ यानी की ‘लाल चींटी की चटनी’ ?
Lal Chinti Ki Chutney : Red Aunt Chutney - प्राय हर जगह की अपनी खान-पान की कुछ विशेषता होती है जिसके चलते किसी जगह विशेष में वो चीज़ें खाई जाती है जिनकी दूसरी जगह कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसी ही एक चीज़ है चापड़ा यानी की लाल चींटी की चटनी जो की ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड राज्यों के घने जंगलों वाले आदिवासी इलाको में खाई जाती है। इन इलाकों में रहने वाले लोग पेड़ों पर रहने वाली लाल रंग की चींटीयों को … [Read more...]