Daag Dehlvi
*****
Lutf wo ishq mein paye hain ki jee janta hai
Lutf wo ishq mein paye hai ki jee janta hai
Ranz bhi itane uthaye hai ki jee janta hai
Jo zamane ke sitam hai wo zamana jane
Tune dil itne dukhayehai ki zamana janta hai
Tum nahi jante ab tak ye tumhare andaaz
Wo mere dil mein samaye hai ki jee janta hai
Inhi kadmo ne tumhare inhi kadmi ki kasam
Khaak me itane milaye hai ki jee janta hai
Dosti mein teri darparda humare dushman
Is kadar apne paraye hai jee janta hai
Daag Dehlvi
*****
लुत्फ़ वो इश्क़ में पाये हैं कि जी जानता है
लुत्फ़ वो इश्क़ में पाये हैं कि जी जानता है
रंज भी इतने उठाये हैं कि जी जानता है
जो ज़माने के सितम हैं वो ज़माना जाने
तूने दिल इतने दुखाये हैं कि जी जानता है
तुम नहीं जानते अब तक ये तुम्हारे अंदाज़
वो मेरे दिल में समाये हैं कि जी जानता है
इंहीं क़दमों ने तुम्हारे इंहीं क़दमों की क़सम
ख़ाक में इतने मिलाये हैं कि जी जानता है
दोस्ती में तेरी दरपर्दा हमारे दुश्मन
इस क़दर अपने पराये हैं कि जी जानता है
दाग देहलवी
*****
प्रसिद्ध शायरों की ग़ज़लों का विशाल संग्रह
*****
Tag : New, Best, Latest, Two Line, Hindi, Urdu, Shayari, Sher, Ashaar, Collection, Shyari, नई, नवीनतम, लेटेस्ट, हिंदी, उर्दू, शायरी, शेर, अशआर, संग्रह
Join the Discussion!