Interesting Facts about Devi Purana : भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के 24 अवतारों में से एक थे और उनकी प्रेमिका राधा लक्ष्मी का स्वरूप थीं, ये बात लगभग सभी लोग जानते हैं। अनेक पुराणों में ये बात बताई गई हैं। लेकिन देवी पुराण में इस विषय पर बहुत सी ऐसी बात बताई गई है, जो बहुत कम लोग जानते हैं। नवरात्रि के मौके पर हम आपको देवी पुराण की कुछ खास बातें बता रहे हैं।

1. देवी पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण, विष्णु के नहीं बल्कि मां काली के अवतार थे। वहीं उनकी प्रेमिका राधा, देवी लक्ष्मी का स्वरूप नहीं अपितु महादेव का अवतार थीं। इस पुराण के अनुसार पृथ्वी का भार समाप्त करने से लिए द्वापर के अंत में महादेव की इच्छा से मायापुरुष का रूप धारण कर देवकी के गर्भ से पृथ्वीलोक में अवतार लिया था।
2. देवीपुराण के अनुसार भगवान महादेव वृषभानुपुत्री राधा के रूप में जन्में। साथ ही श्रीकृष्ण की आठ पटरानियां रुक्मिणी, सत्यभामा आदि भी महादेव का ही अंश थीं। पार्वती की जया-विजया नामक सखियां श्रीदाम और वसुदाम नामक गोप के रूप अवतरित हुईं।
3. देवी पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने बलराम तथा अर्जुन के रूप में अवतार लिया। पांडव जब वनवास के दौरान कामाख्य शक्तिपीठ पहुंचे तो वहां उन्होंने तप किया, इससे प्रसन्न होकर माता प्रकट हुई और उन्होंने पांडवों से कहा कि मैं श्रीकृष्ण के रूप में तुम्हारी सहायता करूंगी तथा कौरवों का विनाश करूंगी।
4. जब कौरवों और पांडवों में युद्ध होने वाला था तब भी पांडवों से सबसे पहले मां भगवती का पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर माता ने उन्हें विजयश्री का आशीर्वाद दिया था। देवीपुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध मां काली के रूप में ही किया था।
5. महाभारत के युद्ध के बाद भगवान श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित मां काली ने पुन: अपने धाम जाने का विचार किया। तब श्रीकृष्ण समुद्र के किनारे पहुंचे, इसी समय वहां नंदी, सिंह द्वारा खींचा जाने वाला रत्नजटित रथ लेकर अंतरिक्ष से वहां आ गए।
6. समुद्र के तट पर आए हुए श्रीकृष्ण को देखकर देवताओं ने प्रसन्नचित्त होकर पुष्प वर्षा की। तभी भगवान श्रीकृष्ण अचानक काली का रूप धारण कर सिंह के द्वारा खींचे जाने वाले रथ पर चढ़ कर कैलाश की ओर चले गए और महादेव का अंश स्वरूप रुक्मिणी आदि पटरानियां भी अपने लोक को चली गईं।
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