Ajay Dixit Shayari | अजय दीक्षित शायरी
*****
दिल के हैं शहंशाह पै खाली ये जेब है।
शायद हमारी रूह में यह ही कुटैब है।
दुनिया में आके देख लिया हमने यह “अजय”;
इन्सानियत के नाम पे धोखा फरेब है।।
*****
छुपा है दर्द सीने में नहीं हम राज खोलेंगे ,
तुम्हारी रुह कांपेगी अगर आवाज खोलेंगे ,,
वतन की आन पे कुर्बान करके जिंदगी अपनी ,
“अजय” दिल खोल हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलेंगे ,,
*****
मेरे अपनों ने मुझे अपने दिल से दूर किया।
अपना पन दिखाकर अपनाने पर मजबूर किया ।।
मानों या ना मानो पर सच है “अजय” ।
अपने आपसे पूछता हूँ कि इस दिल ने क्या कुसूर किया ।।
*****
धुंध सी तस्वीर हूँ दिखता नही हूँ मैं।
बस इस लिए बाजार में बिकता नहीं हूँ मैं।
दुश्मन है सादगी मेरी करूँ तो क्या करूँ।
फ़रेब के माहौल में टिकता नहीं हूँ मैं।
*****
लोगो ने मुझे इस तरह हैरान कर दिया।
दुनिया की किसी बात पे चिढ़ता नहीं हूँ मैं।
“अजय” क़लम चीखती है देख देख कर।
क्यों कांपते हैं हाथ कुछ लिखता नही हूँ मैं…
*****
बबर शेर की खाल ओढ़ कर, हमें जनम के सियार मिले !
लिये वफादारी का परचम, वो देखो गद्दार मिले !!
ईश्वर की मर्जी ना हो तो, होता बाल न बांका है !
भले अली बाबा कोई भी, शातिर हिकमतदार मिले !!
*****
अब शमां की है मुझको जरुरत नहीं ,
जुगुनू ही हैं बहुत रोशनी के लिए !!
शत्रुओं से भी घातक स्वजन लग रहे ,
शत्रु लगते “अजय” दोस्ती के लिए !!
*****
रुप अनेको बदलो लेकिन समझो इसी हकीकत को ,
सोंच बडी़ हो काम बड़ा हो मिले तवज्जो सीरत को ,,
वक्त सरल या कठिन मिले तुम अपनी राह बदलना मत ,
फांके करना “अजय” मगर तुम बुरी न करना नीयति को ,,
*****
आज सबका आचरण बदला हुआ है।
इसलिए वातावरण बदला हुआ है।
प्यार तो पहले से ज्यादा है “अजय”;
प्यार का बस व्याकरण बदला हुआ है।।
*****
कर सको जिंदगी में तो ऐसा करो
नभ को छूने की ललक पैदा करो
मानता हूं दौर है बदलाव का
फिर भी संस्कारों में चमक पैदा करो
*****
बस्ती नगर मुहल्ले गलियों कूचों पर भी लानत है ,
दर्शक मूक बने इंशान समूचों पर भी लानत है ,,
जिनके शासन में ब्यभिचारी मूंछे ऐंठे फिरते हैं ,
“अजय”राज्य के आकाओं की मूंछो पर भी लानत है ,,
*****
आचार्य डा. अजय दीक्षित
डा. अजय दीक्षित जी द्वारा लिखे अन्य गीत –
- वतन रो रहा है
- रोते-रोते मुस्कराना पडता है
- अपना देश हिंदुस्तान
- कलम लिखै तौ यहै लिखै
- रख्खो उम्मीद दिल के कोने में
Related posts:
Join the Discussion!