Kalashtami Ke Upay | Totke | हर मास की कृष्ण अष्टमी को कालाष्टमी या भैरवाष्टमी के रूप मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान भैरव जी की पूजा और व्रत करते है। इस व्रत में भगवान काल भैरव की उपासना करते हैं। काल अष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से घर में फैली हुई सारी तरह की नकारात्मक ताकतें दूर भाग जाती है। भगवान शिव ने बुरी शक्तियों को मार भागने के लिए रौद्र रुप धारण किया था। काल भैरव इन्हीं का स्वरुप है।
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इस रात में तांत्रिक करते हैं तंत्र क्रिया
तंत्र शास्त्र में कालाष्टमी की रात तांत्रिक क्रिया के लिए बहुत खास मानी गई है। इसीलिए इस रात में तंत्र के जानकार तांत्रिक क्रिया करते हैं। तंत्र क्रिया जैसे जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, वशीकरण और अन्य रहस्यमयी विद्याओं का उपयोग इस रात में किया जाता है। ये सभी क्रियाएं बहुत सावधानी से की जाती है, क्योंकि इन क्रियाओं में की गई गलती जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
इस रात में कर सकते हैं तंत्र के ये सामान्य उपाय | Kalashtami Ke Upay
1. इस रात में उड़द के आटे की मीठी रोटी बनाएं और उस पर तेल लगाएं। इसके बाद ये रोटी रात में ही किसी कुत्ते को खिलाएं।
2. अगर कोई व्यक्ति रोगी है तो काले उड़द की रोटी उसके ऊपर से 11 बार उतारकर किसी कुत्ते को खिला दें।
3. इस रात में भगवान कालभैरव को सवा सौ ग्राम साबुत काली उड़द चढ़ाएं। पूजा करें। पूजा के बाद कालभैरव को अर्पित की गई उड़द में से 11 दाने उठा लें। ये दाने अपने कार्य स्थल पर बिखेर दें। इस दौरान भगवान भैरव का ध्यान करते रहें।
4. साबुत उड़द, लाल फूल, लाल मिठाई, एक कुल्हड़ जल और नींबू शाम के समय भगवान कालभैरव को चढ़ाएं।
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5. यदि आप बाबा काल भैरव की कृपा चाहते है तो कालाष्टमी के दिन बाबा कालभैरव के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल चढ़ाए और मूर्ति के सामने बैठकर काल भैरव मंत्र का जाप करें।
6. यदि आपके घर के पास कोई काल भैरव का मंदिर नहीं है तो आप कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा कर उनका आशीर्वाद पा सकत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश के रूप में हुई थी। कालाष्टमी के दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस विधि से पूजन करने पर भगवान भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
7. शत्रु या कार्य में आ रही किसी बाधा को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को सवा सौ ग्राम काला तिल, सवा सौ ग्राम काली उड़द और सवा ग्यारह रुपये एक काले कपड़े में बांधकर भगवान भैरव को चढ़ाएं। इस उपाय को करने से शत्रुओं पर विजय और जीवन में छाया काला अंधकार दूर होता है।
8. कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को नींबू की माला या सिर्फ 5 नींबू चढ़ाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कालाष्टमी पर किए गए इस उपाय से भैरव भक्त को जीवन में अपार धन, यश और सफलता प्राप्त होती है।
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