Garasia Tribe : भारत के अलग अलग हिस्सों में रहने वाली जनजातियों की कुछ परम्पराएं बहुत ही अमेज़िंग है। ऐसी ही एक जनजाति है “गरासिया” (Garasia Tribe) जो की मुख्यतः राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सो में निवास करती है। इस ट्राइब के युवा पहले पसंद की लड़की के साथ लिव-इन में रहते हैं। बच्चे पैदा होने के बाद ही दोनों को शादी के बंधन में बंधने की अनुमति मिलती है। यदि दोनों के लिव-इन में रहने के बावजूद भी बच्चे नहीं हुए तो वे अलग-अलग हो जाते हैं। फिर किसी और के साथ लिव-इन में रह बच्चे पैदा करने की कोशिश करते हैं।
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राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले में गरासिया जनजाति (Garasia Tribe) रहती है। इस जनजाति की अनोखी परंपरा आज के मॉडर्न सोसाइटी की लिव-इन से मिलती-जुलती है। यहां जवान होने के बाद लड़के-लड़कियां आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ लिव-इन में रहते हैं।
इसके बाद बच्चे पैदा हो जाने पर ये शादी करते हैं। अधिकांश बार बच्चे पैदा होने के बाद परिवार की जिम्मेदारियों के चलते ये शादी को टालते रहते हैं। कई बार 50 या इससे अधिक की उम्र में ये इस रिश्ते को अमली जामा पहनाते हैं। इस दौरान कई बार जवान बेटे और पोते भी इनकी बारात में शामिल होते हैं।
हाल ही में एक 80 साल के बुजुर्ग पाबुरा ने अपनी 70 वर्षीय लिव-इन पार्टनर रुपली से शादी की है। इस शादी में पाबुरा के पड़पोते तक बारात में शामिल हुए थे।
ऐसे बनी लिव-इन की ये धारणा…
सालों पहले गरासिया जनजाति के चार भाई कहीं और जाकर बस गए। इनमें से तीन ने शादी की और एक समाज की कुंवारी लड़की के साथ लिव-इन में रहने लगा। शादीशुदा तीनों भाइयों के कोई औलाद नहीं हुई बल्कि लिव-इन में रहने वाले भाई के बच्चे हुए और उसी से वंश आगे बढ़ा। बस इसी धारणा ने समाज के लोगों के जेहन में इस परंपरा को जन्म दिया। कहते हैं इन जनजाति में ये ट्रेडिशन 1 हजार साल पुराना है। यह परम्परा दापा प्रथा कहलाती है।
राजस्थान और गुजरात में इस समाज का दो दिन का ‘विवाह मेला’ लगता है, जिसमें टीनएजर एक-दूसरे से मिलते हैं और भाग जाते हैं। भागकर वापस आने पर लड़के-लड़कियां बिना शादी के पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगते हैं। इस दौरान सामाजिक सहमति से लड़की वाले को कुछ पैसे लड़के वाले दे देते हैं। हालांकि, बच्चे पैदा होने के बाद वे अपनी सहूलियत से कभी भी शादी कर सकते हैं।
इतना ही नहीं यदि औरत चाहे तो किसी और मेले में दूसरा लिव इन पार्टनर भी चुन सकती हैं। इसके लिए नए लिव इन पार्टनर को पहले पार्टनर की तुलना में ज्यादा पैसा देना होता है। कई लोगों की शादी तो बूढ़े होने पर उनके बच्चे करवाते हैं। इसके अलावा कई बार बच्चे अपने मां बाप के साथ मिलकर शादी करते हैं। इतना ही नहीं दूल्हे के घरवाले शादी का खर्चा उठाते हैं और शादी भी दूल्हे के ही घर में होती है।
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