पूरी दुनिया में करोड़ों शिवलिंग मौजूद हैं, सभी की अपनी मान्यता और महत्व है। कुछ शिवलिंग अपने इतिहास के कारण प्रसिद्ध हैं तो कुछ अपने से जुड़े चमत्कारों के कारण। भारत में ऐसे ही 5 शिवलिंग हैं, जो बहुत खास माने जाते हैं।
ये 5 शिवलिंग इसलिए खास हैं क्योंकि हर साल इनकी लम्बाई अपने आप चमत्कारिक रूप से बढ़ती जा रही है। कैसे बढ़ रही है इन शिवलिंगों की लम्बाई यह विज्ञान के लिए भी रहस्य की बात है। जानिए कौन से हैं वे 5 चमत्कारी शिवलिंग और उनसे जुड़ी मान्यताएं-
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1. तिल भांडेश्वर, काशी (Tilbhandeshwar Mahadev Mandir, Kashi)
भगवान शिव की नगरी काशी में कई शिव प्रसिद्ध शिव मंदिर है, इनमें एक है बाबा तिल भांडेश्वर। कहते हैं यह सतयुग में प्रकट हुआ स्वयंभू शिवलिंग है। कलयुग से पहले तक यह शिवलिंग हर दिन तिल आकार में बढ़ता था। लेकिन कलयुग के आगमन पर लोगों को यह चिंता सताने लगी कि यह इसी आकार में हर दिन बढ़ता रहा तो पूरी दुनिया इस शिवलिंग में समा जाएगी। भगवान शिव की आराधाना करने पर भगवान शिव ने प्रकट होकर साल में केवल संक्रांति पर ही इसके बढ़ने का वरदान दिया। कहते हैं उस समय से हर साल मकर संक्रांति पर इस शिवलिंग का आकार बढ़ता है।
2. पौड़ावाला शिव मंदिर, हिमाचल प्रदेश (Paudiwala Shiv Temple, Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश में नाहन से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर पौड़ीवाला शिव मंदिर है। इसका संबंध रावण से माना जाता है। कहते हैं कि रावण ने इसकी स्थापना की थी। इसे स्वर्ग की दूसरी पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर यह शिवलिंग एक जौ के दाने के बराबर बढ़ता है। ऐसी धारणा है कि इस शिवलिंग में साक्षात शिव विराजते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
3. मतंगेश्वर शिवलिंग, मध्यप्रदेश (Matangeshwar Shivling, Madhya Pradesh)
मध्यप्रदेश के खजुराहो का मतंगेश्वर शिवलिंग जिसके बारे में मान्यता है कि भगवान श्री राम ने भी यहां पूजा की है। 18 फीट के इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि हर साल यह तिल के आकार में बढ़ रहा है।
4. भूतेश्वर महादेव, छत्तीसगढ़ (Bhuteshwar Mahadev Shivling, Chhattisgarh)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गरियाबंद जिला में एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जिसे भूतेश्वर महादेव कहा जाता है। इसे भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हर साल यह शिवलिंग 6-8 इंच तक बढ़ जाता है। कहते हैं यहां पर भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है, मनोकामना पूरी होने पर दौबारा यहां आकर भगवान को धन्यवाद करने की परंपरा है।
5. मृदेश्वर महादेव मंदिर, गुजरात (Mardeshwar Mahadev Temple, Gujrat)
गुजरात के गोधरा में स्थित मृदेश्वर महादेव के बढ़ते शिवलिंग के आकार को प्रलय का संकेत माना जाता है। इस शिव लिंग के विषय में मान्यता है कि जिस दिन लिंग का आकार साढ़े आठ फुट का हो जाएगा उस दिन यह मंदिर की छत को छू लेगा। जिस दिन ऐसा होगा उसी दिन महाप्रलय आ जाएगा। शिवलिंग को मंदिर की छत छूने में लाखों वर्ष लग सकते हैं क्योंकि शिवलिंग का आकार एक वर्ष में एक चावल के दाने के बराबर बढ़ता है।
मृदेश्वर शिवलिंग की विशेषता है कि इसमें से स्वतः ही जल की धारा निकलती रहती है जो शिवलिंग का अभिषेक कर रही है। इस जल धारा में गर्मी एवं सूखे का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, धारा अविरल बहती रहती है।
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भगवान शिव के अन्य चमत्कारिक मंदिर
- लिंगाई माता मंदिर – स्त्री रूप में होती है शिवलिंग की पूजा
- अचलेश्वर महादेव – धौलपुर(राजस्थान) – यहाँ पर है दिन मे तीन बार रंग बदलने वाला शिवलिंग
- महादेवशाल धाम – जहाँ होती है खंडित शिवलिंग की पूजा – गई थी एक ब्रिटिश इंजीनियर की जान
- अनोखा शिवलिंग – महमूद गजनवी ने इस पर खुदवाया था कलमा
- 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga)
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