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Nhi Hota Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘नहीं होता’
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‘नहीं होता’ (Nhi Hota Poem In Hindi)
आजकल लिखने का मन नहीं होता|
उनकी यादों का चमन नहीं होता|1|
बहुत अरसे से नजर ना आए वह|
नजर से नजर का मिलन नहीं होता|2|
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वो गए उस दिन की सूरत याद है|
अब उनका कभी दर्शन नहीं होता|3|
हमारी जान उनकी जान हो गयी|
उनके बिना बदन बदन नहीं होता|4|
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लिखना था जो तुझे लिख दिया मैंने|
अब कोई नया सृजन नहीं होता|5|
वर्ण शब्द वाणी बेअसर हो गए|
अब उनमें कोई वजन नहीं होता|6|
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उनकी हरकतों में हरकत ना रहीं|
अचेतन मन अब चेतन नहीं होता|7|
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमंद
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मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचनाएं-
- ‘बांसुरी बन जाऊं’
- ‘जैसे घुंघरू बजते हो’
- नहीं आता
- ‘पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया’
- ‘तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी’
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