Yaad Aaya Mujhe Wo Jamana Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘याद आया मुझे वो जमाना’
‘याद आया मुझे वो जमाना’ (Yaad Aaya Mujhe Wo Jamana)
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
वो हस के चली
वो मन ले चली
मेरे चित को चित से चुराना
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
चंचल तारों सी आंखें
घूंघट से झांकें
उसकी पलकें झुकी
उसकी पलकें उठी
उसका नजरों से नजरें मिलाना
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
पाठशाला के वो दिन
कैसे कटते उसके बिन
उसकी बातों में रस
कितनी मिठ्ठी थी सच्च
दुखद था पल को गंवाना
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
पाठशाला से आना व जाना
हमें देख कर आंखें चुराना
गाल खिलने लगे
होठ हिलने लगे
बालों को कान से मिलाना
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
मन का मन में रहा
कुछ कह ना सका
सारी बातें बिती
केवल यादें सजी
चुपके चुपके आंसू बहना
याद आया मुझे वो जमाना
उसकी यादों में रैन का बिताना
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमंद
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